शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

कार एक्सीडेंट


रामनगर-इस कार को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है इसको चलाने वाले शख्स की क्या हालत रही होगी,जी हाँ इस कार को चलाने वाले शख्स की मौत हो गयी है,रामनगर का भा ज पा का युवा नेता इस कार को ड्राइव कर रहा था,रामनगर भा ज पा को युवा चेहरा सुदीप मसीवाल २६ फरवरी २०११ की रात अपने एक मित्र को पीरूमदारा छोड़कर वापस अपने घर आ रहा चिल्किया-उदयपुरी चोपड़ा मोड़ पर उसकी ये कार पलट गयी और उसकी जान चली गयी,इससे पहले भी चिल्किया के पास नेशनल हाईवे पर सुदीप कार एक्सीडेंट में पहले घायल हो चूका है यही कारण है कि नेशनल हाईवे में एक्सीडेंट के खतरे से बचने के लिए उसने गाँव की शांत सड़क पर से अपनी घर वापसी करनी चाही लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था,तेज रफ़्तार ड्राईविंग उसकी जान ले गयी,अपने माता पिता का एकलौता बेटा ख़त्म हो गया.

कार एक्सीडेंट में भा ज पा नेता का निधन




रामनगर(नैनीताल)२७ फरवरी २०११/ रामनगर में शनिवार की रात भा ज पा के वुवा नेता सुदीप मासीवाल की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गयी है,रामनगर के शिवलालपुर पांडे कालोनी में अपने परिवार के साथ रहने वाले सुदीप मासीवाल पिछले लम्बे समय से आर एस एस और भा ज पा से जुड़े रहे है शनिवार वो रात चिल्किया से रामनगर वापस अपने घर आ रहे थे,रस्ते में उनकी कार पलट गयी इस हादसे में सुदीप मासीवल की मौत हो गयी है,उनकी मौत की सूचना से उनको जानने वाला हर कोई शख्स सकते में है,अपने सरल स्वाभाव के लिए सुदीप की हर किसी से अच्छी दोस्ती थी,भा ज पा के कई बड़े नेता उनको व्यक्तिगत जानते और पहचानते थे,सुदीप की मौत के साथ ही रामनगर का एक युवा तुर्क भी ख़त्म हो गया है,हम सब उनको अपनी श्रधांजलि देते है.

शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011

कॉर्बेट अधिकारियो की क्लास लेंगे जयराम रमेश !


रामनगर (नैनीताल)२५/०२/२०११ कॉर्बेट पार्क में बाघों की लगातार होती मौतों और वहां पर स्थानीय पत्रकारों पर पाबन्दी लगाने का मामला अब केन्द्रीय वन एव पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश के पास भी पहुँच गया है,सांसद सतपाल महाराज ने जयराम रमेश के साथ इस मामले में चर्चा की है,केन्द्रीय वन एव पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है,वाईल्ड लाईफ सरक्षण के लिए देश भर अपनी तेज तर्रार और गंभीर कार्यशैली के लिए जाने वाले मंत्री जयराम रमेश अब इस मामले में खुद ही रामनगर पहुँचने वाले है,उनके ७ मार्च को रामनगर आने की सम्भावना है,रामनगर में वे कॉर्बेट पार्क में बाघों की मौतों और मीडिया पर लगाये गए प्रतिबन्ध के मामले में कॉर्बेट पार्क अधिकारियो की क्लास लेंगे,जयराम रमेश बीतो दिनों कॉर्बेट पार्क में पर्यटकों और नेचर गाईड मारपीट प्रकरण से भी काफी नाराज है वे इस मामले में भी कॉर्बेट टाईगर रिजर्व के अधिकारियो से जानकारी लेंगे साथ ये घटना पार्क में किस तरह घट गयी और इसे रोका क्यूँ नहीं गया?इस पर कॉर्बेट अधिकारियो का जवाब तलब हो सकता है.

रविवार, 20 फ़रवरी 2011

कॉर्बेट पार्क में गुंडागर्दी

रामनगर(नैनीताल)२० फरवरी२०११ कॉर्बेट नेशनल पार्क में आज जमकर गुंडागर्दी हुई,पहले पर्यटकों ने गुंडागर्दी की फिर उसके बदले नेचर गाईड,युवक कांग्रेस और एन एस यूं आई और कुछ अन्य लोगो ने गुंडागर्दी दिखाई,दरहसल कॉर्बेट पार्क के बिजरानी जोन में दिल्ली के कस्तूरी राम कालेज का एक दल घुमने आया हुआ,दल में शामिल कुछ छात्रो ने एक नेचर गाईड की पिटाई कर दी,अपने साथ हुयी मारपीट का बदला लेने के लिए फिर नेचर गाइड और उसके समर्थक लडको ने उन पर्यटकों के साथ खूब मारपीट की,ये सब पुलिस और पार्क के डायरेक्टर आर के मिश्रा के सामने हुआ,पुलिस बदला लेने में उतारू लडको को रोकने की कोशिश करती रही लेकिन जब वो उनको रोक नहीं पायी तो उनको लाठी चार्ज और हवाई फायरिंग करनी पड़ी,इस मारपीट में कुछ पुलिस वाले भी घायल हो गए.

शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

कॉर्बेट पार्क में एक और बाघ की मौत


उत्तराखंड १९ फरवरी २०११/रामनगर का कॉर्बेट नेशनल पार्क वन्य जीवो की कब्रगाह बनता जा रहा है यहाँ बाघ और हाथियों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है,रामनगर के वन्य जीव बाहुल्य यहाँ के जंगलो में बीते एक महीने में चार बाघों और चार हाथियों की मौत हो चुकी है,वन्य जीव सरक्षण के लिए दुनिया भर में पहचाने जाने वाला कॉर्बेट पार्क पिछले कुछ समय से बाघों और हाथियों की मौतों की वजह से सुर्खियों में है,बाघों और हाथियों की लगातार होती मौतों ने कॉर्बेट टाईगर रिजर्व और वन महकमे के बड़े अधिकारियो की कार्यशैली पर भी तमाम सवाल खड़े कर दिए है,शनिवार को भी कॉर्बेट टाईगर रिजर्व के कालागढ़ रेंज में एक बाघ की संदिग्ध परिस्तिथियों में मौत हो गयी,हैरानी की बात तो ये है कि मारे गए बाघ की कवरेज करने मिडिया कर्मी जब मौके पर जाने लगे तो उनको कॉर्बेट टाईगर रिजर्व की खाटपानी चौकी पर ही रोक दिया गया,मिडिया कर्मी बाघ की मौत का सच जानने के लिए उस जगह पर पहुचना चाह रहे थे जहाँ पर बाघ मरा था,कॉर्बेट के तमाम अधिकारी और कर्मचारी घटना स्थल पर मौजूद थे,थोड़ी देर में प्रमुख वन्य जीव प्रतिपालक श्रीकांत चंदोला और राज्य वन्य जीव सरक्षण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष अनिल बलूनी ने भी उस जगह का मुआयना किया जहाँ बाघ मरा था,वन्य जीव प्रतिपालक श्रीकान्त चंदोला ने मिडिया कर्मियों को घटना स्थल पर नहीं जाने दिया,ऐसे में बाघ की मौत की असली वजह पर पर्दा डालने की कोशिश यहाँ की गयी है,बाघों की लगातार मौतों को प्राकृतिक मौत करार देने वाले वाईल्ड लाईफ अधिकारी सदेह के घेरे में है कि आंखिर बाघ की मौत को मिडिया से क्यूँ छुपाना चाह रहे है,जबकि कॉर्बेट प्रशासन ने पहले ये कहा था कि जब किसी बाघ या हाथी या अन्य किसी वन्य जीव की मौत होने पर उसका पोस्टमातम मिडिया और बाघ सरक्षण में लगी समिति के सम्मुख ही किया जाएगा ताकि पारदर्शिका बनी रहे तो फिर अब इस बाघ की मौत क्यों छुपाया जा रहा है ? इस पर वाईल्ड अधिकारियो पर संदेह हो रहा है,आपको बता दे कि कॉर्बेट पार्क में वन्य जीव तस्करों का गिरोह सक्रीय है कुछ दिन पहले छ सदस्यों का एक गिरोह यहाँ पकड़ा भी गया जिनसे बाघ की खाल और हाथी के दात भी बरामद हुए थे,शनिवार को मारा गया बाघ भी कहीं किसी गिरोह का शिकार तो नहीं हुआ? जिसे वाईल्ड लाईफ अधिकारी अपनी गर्दन बचाने के लिए दबा रहे हो?हो सकता है वाईल्ड लाईफ अधिकारी अपनी खामियों को छुपाने के लिए बाघ की मौत को दूसरा रूप देने की कोशिश कर रहे हो,कॉर्बेट पार्क में लगातार होती बाघों की मौत का असली सच क्या है ये कोई भी नहीं जान पाया है,हमेशा जो कॉर्बेट के अधिकारी बताते है उसी को कोई ही सच मान लिया जाता है,लेकिन जो सच मिडिया लोगो तक पहुचाने के लिए बाघ की मौत को अपने कमरे में कैद करने के लिए घटना स्थल पर पहुँचने की कोशिश करता है तो उसे रोक दिया जाता है,आंखिर कॉर्बेट प्रशासन बाघ की मौत पर पारदर्शिता क्यूँ नहीं अपना रहा ?इससे उन पर सदेह उठता है,कुल मिलकर ये कहा जा सकता है कि कॉर्बेट पार्क के अन्दर हालात ठीक नहीं है,वन्य जीवो के सरक्षण के लिए बने इस पार्क में बाघ और हाथी एक के बाद एक मौत की नींद सो रहे है,जिससे वन्य जीव प्रेमी खासे चिंता में है.बाघों की लगातार होती संदेह जनक मौतों के लिए गैर जिम्मेदार वाईल्ड लाईफ अधिकारियो को जिम्मेदार ठहरा रहे है.

सोमवार, 3 जनवरी 2011

बेलगाम खनन माफियाओं का दुस्साहस !




रामनगर (नैनीताल) १ जनवरी २०११/उत्तराखंड राज्य में लगता है कानून का राज नहीं है,यहाँ माफियाराज चलता है,इस सच्चाई को देखना है तो यहाँ की नदियों में जाकर देखिये किस तरह खनन माफिया हथियारों से लैस होकर अवैध खनन कर रहे है,इन खनन माफियाओं का दुस्साहस भी देखिये ये कि जब वन विभाग की छापामार टीम इनके खिलाफ कोई कार्यवाही करती है तो ये खनन माफिया उन पर जानलेवा हमला तक कर अपने वाहन छुड़ा ले जाते है,आज ३ जनवरी २०११ को वन विभाग,राजस्व विभाग और पुलिस ने कोसी नदी में हो रहे रेते,बजरी और पत्थर के अवैध खनन को रोकने के लिए सुबह कोसी नदी के गोबरा गेट पर छापा मारी की,छापा पड़ते ही नदी में अवैध खनन कर रहे खनन माफियाओं में हडकंप मच गया और वहां अवैध खनन में लगे ट्रक,डम्पर और ट्रैक्टर ट्रालिया भागनी शुरू हो गयी,इस भागम भाग में खनन माफिया का आदमी २१ साल का गुरलाल उर्फ़ लाली निवासी ग्राम ईटव्वा,बाजपुर(उधमसिह नगर) अवैध खनन में लगे ट्रैक्टर ट्राली के नीचे दब गया जिससे उसकी मौत हो गयी,अपने आदमी की मौत से खनन माफिया बौखला गए,अब इन खनन माफियाओं का दुस्साहस देखिये,सौ डेढ़ सौ की तादाद में बाजपुर से आये ये लोग रामनगर वन परिसर में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के वनाधिकारी निशांत वर्मा पर हमला करने पहुँच गए लेकिन मौके पर पहुंची भारी पुलिस फ़ोर्स ने उनको निशांत वर्मा के पास तक नहीं पहुचने दिया,वन परिसर में ये लोग काफी देर तक निशांत वर्मा को काफी देर तक गांलिया और धमकी देते रहे और पुलिस इनको शांत करने की कोशिश करती रही,ये लोग छापे के दौरान ट्रैक्टर ट्राली से दब के मरे अपने आदमी की मौत के लिए वनाधिकारी निशांत वर्मा को जिम्मेदार ठहरा रहे थे यानी "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे " सौ डेढ़ सौ की तादाद में इन लोगो का नेतृत्व कर रहा था बाजपुर का ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख कुलविंदर सिह "किन्दा"ये जनाब भा ज पा पार्टी से जुड़े है और अपने इलाके के बाहुबली खनन माफिया माने जाते है,इनके खिलाफ फोरेस्ट एक्ट और जानलेवा हमला करने सहित कई संगीन अपराधिक मामले बाजपुर कोतवाली में दर्ज है,जिनमे ये वांछित चल रहे है लेकिन पुलिस इनको गिरफ्तार नहीं कर रही है,इनके हौसले इस कदर बुलंद है की अब ये अवैध खनन को रोकने की कोशिश कर रहे अफसर को ही मारने पहुँच रहे है,पुलिस के सामने ही ये शख्स खून का बदला खून से लेने की बात कर रहा है यानी वनाधिकारी निशांत वर्मा को जान से मारने की धमकी दी जाती है,अपने आज के इस प्रदर्शन से ये खनन माफिया वनविभाग और उसके अधिकारियो को डराना चाह रहे है ताकि वन विभाग फिर दोबारा कोसी और दबका नदी में छापेमारी की हिम्मत ना कर सके और ये लोग जमकर अवैध खनन कर सके,इन खनन माफियाओं ने वन विभाग के साथ साथ पुलिस को भी धमकी दी की यदि उनके इलाके में अवैध खनन रोकने के लिए छापेमारी की तो अंजाम बहुत बुरा होगा,हैरानी की बात तो ये है की इतना सब सुनने के बाद भी रामनगर पुलिस ने इनके खिलाफ कोई सख्ती नहीं दिखाई बल्कि उनका गुस्सा शांत करने में ही लगी रही,कुल मिलकर कानून व्यवस्था को खनन माफियाओं ने तारतार कर दिया है,पुलिस इन खनन माफियाओं के आगे नतमस्तक है,पिछले दो साल से कोसी और दाबका नदियों में वन और पर्यावरण मंत्रालय ने रेटे-बजरी के चुगान की अनुमति नहीं दी है जिस कारन यहाँ अवैध खनन का धंधा जोरो पर है रोज नए नए खनन माफिया पैदा हो रहे,अवैध खनन के इस काले कारोबार ने यहाँ की कानून व्यवस्था को भी बुरी तरह प्रभावित कर रखा है,अवैध खनन को धंधा आगे चलकर भारी खून खराबे की घटनाओं की वजह बन सकता है बाजपुर में अवैध खनन और दाबका नदी में अपने एकाधिकार को लेकर ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख कुलविंदर सिह "किन्दा" और जागीर सिह गुटों के बीच गोलीबारी भी हो चुकी है.

बुधवार, 29 दिसंबर 2010

एक और महिला बनी बाघ का शिकार


रामनगर (नैनीताल)कॉर्बेट टाईगर रिजर्व के बाघ ने फिर एक और महिला को अपना निवाला बना दिया है,कॉर्बेट टाईगर रिजर्व के पास देवी चौड़ सुन्दर खाल की महिला देवकी देवी उर्फ़ भूरी २९ दिसंबर २०१० के दोहपर बाद के समय गर्जिया के पास कॉर्बेट टाईगर रिजर्व के बफर जोन में अपने मवेशियों के लिए चारा लेने गई हुई थी कि तभी घर वापसी के दौरान एक बाघ ने उस महिला पर हमला कर दिया,बाघ महिला को अपने जबड़े में पकड़कर जंगल के काफी अन्दर तक ले गया,घटना की जानकारी जब गाँव वालो को मिली तो उन्होंने कॉर्बेट टाईगर रिजर्व और पुलिस को सुचना दी,स्थानीय ग्रामीणों,कॉर्बेट के कर्मचारी और पुलिस ने जंगल में महिला की काफी खोज की,इस दौरान महिला का मंगलसूत्र,चप्पल,दरांती और ख़ास का पुला मिला जंगल में थोडा आगे चलकर महिला के कपडे और एक पैर भी बरामद हो गया,लेकिन देर शाम तक महिला का शव बरामद नहीं हो सका,देर शाम तक मौके पर कॉर्बेट टाईगर रिजर्व के कोई भी बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा,संभवत : अधिकारियो को ग्रामीणों के गुस्से का कोपभाजन होने का डर था,क्यूंकि पिछले डेढ़ महीने इसी इलाके में ये दूसरी घटना है जब बाघ ने किसी महिला को अपना निवाला बनाया है,इससे पहले सुन्दरखाल की ही नंदी देवी नाम की महिला को भी बाघ अपना शिकार बना चुका है,ऐसा माना जा रहा है कि ये वही बाघ है जिसने नंदी को मारा और अब देवकी उर्फ़ भूरी उसका शिकार बनी है,ग्रामीण इस आदमखोर बाघ को पकड़ने अथवा मारने की पहले से ही मांग करते आ रहे,ताजा घटना ने ग्रामीणों को और ज्यादा आक्रोशित कर दिया है,अब वो कॉर्बेट टाईगर रिजर्व से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिख रहे है,उनका आरोप है कि कॉर्बेट टाईगर रिजर्व ग्रामीणों को वन्य जीवो से सुरक्षा नहीं दे रहा है और न ही कोई उचित मुआवजा देता है,