सोमवार, 3 जनवरी 2011

बेलगाम खनन माफियाओं का दुस्साहस !




रामनगर (नैनीताल) १ जनवरी २०११/उत्तराखंड राज्य में लगता है कानून का राज नहीं है,यहाँ माफियाराज चलता है,इस सच्चाई को देखना है तो यहाँ की नदियों में जाकर देखिये किस तरह खनन माफिया हथियारों से लैस होकर अवैध खनन कर रहे है,इन खनन माफियाओं का दुस्साहस भी देखिये ये कि जब वन विभाग की छापामार टीम इनके खिलाफ कोई कार्यवाही करती है तो ये खनन माफिया उन पर जानलेवा हमला तक कर अपने वाहन छुड़ा ले जाते है,आज ३ जनवरी २०११ को वन विभाग,राजस्व विभाग और पुलिस ने कोसी नदी में हो रहे रेते,बजरी और पत्थर के अवैध खनन को रोकने के लिए सुबह कोसी नदी के गोबरा गेट पर छापा मारी की,छापा पड़ते ही नदी में अवैध खनन कर रहे खनन माफियाओं में हडकंप मच गया और वहां अवैध खनन में लगे ट्रक,डम्पर और ट्रैक्टर ट्रालिया भागनी शुरू हो गयी,इस भागम भाग में खनन माफिया का आदमी २१ साल का गुरलाल उर्फ़ लाली निवासी ग्राम ईटव्वा,बाजपुर(उधमसिह नगर) अवैध खनन में लगे ट्रैक्टर ट्राली के नीचे दब गया जिससे उसकी मौत हो गयी,अपने आदमी की मौत से खनन माफिया बौखला गए,अब इन खनन माफियाओं का दुस्साहस देखिये,सौ डेढ़ सौ की तादाद में बाजपुर से आये ये लोग रामनगर वन परिसर में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के वनाधिकारी निशांत वर्मा पर हमला करने पहुँच गए लेकिन मौके पर पहुंची भारी पुलिस फ़ोर्स ने उनको निशांत वर्मा के पास तक नहीं पहुचने दिया,वन परिसर में ये लोग काफी देर तक निशांत वर्मा को काफी देर तक गांलिया और धमकी देते रहे और पुलिस इनको शांत करने की कोशिश करती रही,ये लोग छापे के दौरान ट्रैक्टर ट्राली से दब के मरे अपने आदमी की मौत के लिए वनाधिकारी निशांत वर्मा को जिम्मेदार ठहरा रहे थे यानी "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे " सौ डेढ़ सौ की तादाद में इन लोगो का नेतृत्व कर रहा था बाजपुर का ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख कुलविंदर सिह "किन्दा"ये जनाब भा ज पा पार्टी से जुड़े है और अपने इलाके के बाहुबली खनन माफिया माने जाते है,इनके खिलाफ फोरेस्ट एक्ट और जानलेवा हमला करने सहित कई संगीन अपराधिक मामले बाजपुर कोतवाली में दर्ज है,जिनमे ये वांछित चल रहे है लेकिन पुलिस इनको गिरफ्तार नहीं कर रही है,इनके हौसले इस कदर बुलंद है की अब ये अवैध खनन को रोकने की कोशिश कर रहे अफसर को ही मारने पहुँच रहे है,पुलिस के सामने ही ये शख्स खून का बदला खून से लेने की बात कर रहा है यानी वनाधिकारी निशांत वर्मा को जान से मारने की धमकी दी जाती है,अपने आज के इस प्रदर्शन से ये खनन माफिया वनविभाग और उसके अधिकारियो को डराना चाह रहे है ताकि वन विभाग फिर दोबारा कोसी और दबका नदी में छापेमारी की हिम्मत ना कर सके और ये लोग जमकर अवैध खनन कर सके,इन खनन माफियाओं ने वन विभाग के साथ साथ पुलिस को भी धमकी दी की यदि उनके इलाके में अवैध खनन रोकने के लिए छापेमारी की तो अंजाम बहुत बुरा होगा,हैरानी की बात तो ये है की इतना सब सुनने के बाद भी रामनगर पुलिस ने इनके खिलाफ कोई सख्ती नहीं दिखाई बल्कि उनका गुस्सा शांत करने में ही लगी रही,कुल मिलकर कानून व्यवस्था को खनन माफियाओं ने तारतार कर दिया है,पुलिस इन खनन माफियाओं के आगे नतमस्तक है,पिछले दो साल से कोसी और दाबका नदियों में वन और पर्यावरण मंत्रालय ने रेटे-बजरी के चुगान की अनुमति नहीं दी है जिस कारन यहाँ अवैध खनन का धंधा जोरो पर है रोज नए नए खनन माफिया पैदा हो रहे,अवैध खनन के इस काले कारोबार ने यहाँ की कानून व्यवस्था को भी बुरी तरह प्रभावित कर रखा है,अवैध खनन को धंधा आगे चलकर भारी खून खराबे की घटनाओं की वजह बन सकता है बाजपुर में अवैध खनन और दाबका नदी में अपने एकाधिकार को लेकर ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख कुलविंदर सिह "किन्दा" और जागीर सिह गुटों के बीच गोलीबारी भी हो चुकी है.